Ghurrati Hawa - Mohsin Akhtar Lyrics

Singer | Mohsin Akhtar |
Ghurrati Hawa hindi lyrics
इस सावन के मौसम मे
मैंने देखी है तस्वीरे
मेरे आँगन में जब आती थी तू
तेरे पायल की छलकारे
गूंजे है आज भी मन में
मेरे तमना में जब खिलती तू
कुदरत भी देखो कितनी सतिर है
कह जाती है मुझे सुनना है
कुदरत भी देखो कितनी सतिर है
कह जाती है मुझे सुनना है
घुर्रती हवा
कानो में मेरे कह रही है
हाँ कह रही है
के तूने आना नहीं है
घुर्रती हवा
कानो में मेरे कह रही है
हाँ कह रही है
के तूने आना नहीं है
क्या तू की प्याली है
सजी सी रानी है
कहा छुपाए तुम्हे
आँखों की साईं
ओंठो की लाली है
कैसे मिटाए उसे
कैसे भुलाये तुम्हे
उसने साथी के पीछे
जितना मरना है मरले
दिल पूछे है कब समझेगा तू
जज्बातों के अँधेरे
देखो कितना है काले
मै सोता हु तब मिलती है तू
सूरत भी देखो कितनी जालिम है
दर्शा देती है मानो पानी है
सूरत भी देखो कितनी जालिम है
दर्शा देती है मानो पानी है
घुर्रती हवा
कानो में मेरे कह रही है
हाँ कह रही है
के तूने आना नहीं है
घुर्रती हवा
कानो में मेरे कह रही है
हाँ कह रही है
के तूने आना नहीं है
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